यूपीएस क्या है और किस काम लिए उपयोग होता है जानिए What is UPS in Hindi

यूपीएस क्या है और किस काम लिए उपयोग होता है जानिए What is UPS in Hindi
What is UPS in Hindi

क्या आपको UPS के बारे में पता है, UPS क्या है (What is UPS in Hindi) ? इसका इस्तेमाल कहा किया जाता है और कितने प्रकार के होते है ?  आपको शायद पता होंगे की इसका इस्तेमाल Computers में किया जाता है आदि आप computer User हो तो आप इसके बारे जानते ही होंगे ।

अगर आपको नहीं भी पता होगा तो इस लेख में UPS क्या होता है ? और इसका इस्तेमाल कहा किया जाता है ? UPS क्या काम करता है पूरी जानकारी इस लेख में दिया गया है इस लेख को आगे पढ़े –

यूपीएस क्या है (What Is UPS In Hindi)

UPS full form (Uninterruptible Power Supply) है, ये एक ऐसे device होती है जिसमे Main Power Supply बंद हो जाने पर भी आपको Backup Power प्रदान करता है । आपके Computer और Sensitive Electronics की बचाव करता है वोल्टेज के Updown से UPS एक ऐसे Electrical Equipment है जो Inpute Power Source है ।

इसे ऐसे भी कह सकते है की UPS एक Electronic Device है जो बिजली के चले जाने पर भी कंप्यूटर को बिजली प्रदान करता है , मतलब ये की बिजली के चले जाने पर बैकअप बैटरी के रूप में काम करता है । UPS के अंदर एक बैटरी लगी होती है जिसमे 20 से 40 मिनट तक पावर देती रहती है ।

example – माना की आप कंप्यूटर पर कोई काम कर रहे हो और अचानक से बिजली चली जाये तो ऐसे आपका डाटा डिलीट हो जायेगा कंप्यूटर बंद होने से, ऐसे स्थिति से बचने के लिए कंप्यूटर में एक UPS सिस्टम इस्तेमाल किया जाता है ताकि आपका कंप्यूटर बिजली के चले जाने पर भी बंद न हो हम अपना काम पूरा कर सकते है ।

UPS के प्रकार (Types of UPS in hindi)

UPS के टाइप्स 3 होते है :-

  1. Standby UPS
  2. Line Interactive UPS
  3. On-line Hybrid UPS

Standby UPS

Standby UPS को ऑनलाइन यूपीएस भी कहा जाता है इसका मुख्य रूप से घरों में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर में किया जाता है।

या एक प्रकार का UPS है जो की बिजली के चले जाने पर ऑटोमेटिक चालू हो जाती है। इसे खरीदने में कम पैसे लगते हैं और इसमें फीचर्स कम होता है।

Line Interactive UPS

Line Interactive यूपीएस की बात की जाए तो यह एक ऑफलाइन UPS की तरह होता है इसमें भी बिजली चले जाने पर ऑटोमेटिक चालू हो जाता है और कंप्यूटर को बिजली की सप्लाई कंटिन्यू देती है।

यह भी ऑनलाइन यूपीएस की तुलना में  ज्यादा महंगा होता है लेकिन ऑनलाइन UPS की तुलना में Line Interactive UPS सस्ता होता है । इसे छोटे बिज़नेस में इस्तेमाल किया जाता है ।

On-line Hybrid UPS 

ऑनलाइन यूपीएस का इस्तेमाल DC power बनने के लिए AC रेक्टिवफायर में किया जाता है जिसमे डबल या डेल्टा कन्वर्जन तकनीक का उपयोग किया जाता है । ये एक बहुत पॉपुलर यूपीएस है इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है ।

इस प्रकार के यूपीएस का इस्तेमाल 10kVA के निचे किया जाता है, यहाँ एक स्टैंडबाई यूपीएस और लाइन इंटरैक्टिव यूपीएस की तुलना में बहुत ज्यादा महंगा होता है ।

Standby Ferro UPS

Standby-Ferro UPS का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है जिसमे 3-15kVA के रेंज में सबसे ज्यादा होता है। इसकी डिजाइन एक विशेष प्रकार ट्रांस मैच्योरिटी ट्रांसफार्मर पर आधारित होती है जिसमें तीन वाइंडिंग पावर कनेक्शन होती है ।

इसकी Primary Power path AC Input से शुरू होती है, जो ट्रांसफर स्विच के माध्यम से और आउटपुट तक पहुंचती है। जो बिजली की आपूर्ति सफल हो जाती है, तो ट्रांसफार्मर स्विच खुल जाता है जिसमें इनवर्टर अपने output के माध्यम से लोड को संभाल लेता है।

The Double Conversion On-Line UPS

ये विशेष रूप से 10kVA से ऊपर की रेंज में इस्तेमाल होता है । यहाँ standby UPS की तरह ही काम करता है , लेकिन इसमें प्राथमिक पावर पद के रूप में AC Path एस मेंस के वजह इनवर्टर का उपयोग किया जाता है।

Double Conversion On-Line डिजाइन में , Input AC के फेल होने पर ट्रांसफर स्विच एक्टिव नहीं होती है क्योंकि यहां Input AC Primary Sourse नहीं होती है। इसे बैकअप Sourse के रूप में उपयोग किया जाता है। इस डिजाइन में On-Line Mode मैं ट्रांसफर टाइम टेबल तभी दिखाई देता है जब प्राथमिक बैटरी/ चार्जर/ बैटरी इन्वर्टर power Path मैं कोई समस्या आती है और वहां फेल हो जाती है। इस इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है कि main Power Fail होने पर भी लोड को इनवर्टर द्वारा तुरंत सपोर्ट मिल सके।

The delta Conversion On-Line UPS

डेल्टा कन्वर्जन वन लाइन यूपीएस Delta Conversion On-Line UPS एक नई टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसमें कुछ कमजोरी को दूर करने के लिए develop किया गया है। यह UPS 5kVA से 1MW तक की रेंज में अवेलेबल है।

डबल कन्वर्जन वन लाइन डिजाइन की तरह, डेल्टा कन्वर्जन वन लाइन यूपीएस में भी इनवर्टर हमेशा लोड और वोल्टेज को सप्लाई करता रहता है। हालांकि डिजाइन में एक अतिरिक्त डेल्टा कन्वर्जन भी शामिल होता है जो इनवर्टर के रूप आउटपुट में पावर का योगदान देता है।

यूपीएस के कार्य (UPS of work)

  1. बिजली चले जाने पर सुरक्षा :- अचानक से बिजली चली जाती है तो कंप्यूटर डाटा को नुकसान पहुंचने में खतरा होता है । ऐसे में यूपीएस का काम है कंप्यूटर की डाटा को नुकसान से बचाना।
  2. वोल्टेज को स्थिर करना:- यूपीएस वोल्टेज को स्थिर बनाए रखता है, जिसमें वोल्टेज में अचानक कमी या वृद्धि से उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
  3. बिजली की आपूर्ति बनाए रखना:- बिजली चले जाने पर UPS कंप्यूटर को तत्काल बिजली सप्लाई प्रदान करता है, जिसमें सिस्टम बिना रुके काम करता रहता है।
  4. शॉर्ट सर्किट से सुरक्षा:- यूपीएस शॉर्ट सर्किट जैसे समस्या से बचने का भी कार्य करता है जिसमें लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
  5. अलर्ट सिस्टम:- यूपीएस किसी भी संभावित खराबी के मामले में यूजर को अलर्ट करता है, जिसमें समय पर उचित कदम उठाए जा सकता है।
  6. बिजली की निगरानी:- यूपीएस लगातार बिजली की स्थिति पर नजर रखता है जिसमें किसी भी खराब संभावना की स्थिति पता करके प्रतिक्रिया की जा सके।

यूपीएस के भाग (Parts of UPS)

Rectifier (रेक्टिफिर)

रेक्टिफायर यूपीएस का एक इंर्पोटेंट पार्ट होता है जिसका इस्तेमाल AC अल्टरनेटिव करंट को DC डायरेक्ट करंट में बदलने के लिए किया जाता है रेक्टिफायर यूपीएस बेटी को चार्ज करता है।

Bettery ( बैटरी )

बैटरी यूपीएस का सबसे इंर्पोटेंट पार्ट होता है क्योंकि बैटरी की मदद से ही यूपीएस कंप्यूटर को इलेक्ट्रिक सप्लाई करता है। बैटरी एक स्टोरेज डिवाइस की तरह होती है जहां बिजली को स्टोर किया जाता है।

यूपीएस में बैटरी की साइज यूपीएस की साइज पर निर्भर करती है, छोटी यूपीएस में छोटी बैटरी का उपयोग होता है और बड़ी यूपीएस में बड़ी बैटरी का उपयोग होता है।

Inverter (इनवर्टर)

इनवर्टर एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है जो रेक्टिफायर के विपरीत काम करता है जैसे इनवर्टर का कार्य (DC) डायरेक्ट करंट को (AC) अल्टरनेटिव करंट में बदलने का काम करता है।

Static Bypass Switch (स्टेटिक बायपास स्विच)

यह कई प्रकार का चीज होता है जिसका इस्तेमाल UPS fail हो गया हो और किसी कारण यूपीएस काम नहीं कर पा रहा है तो उस कंडीशन में यह स्विच रेक्टिफायर, इनवर्टर और बैटरी को बायपास करके बिजली की सप्लाई करता है।

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यूपीएस के लाभ (UPS of benifit)

  1. बिजली की नियंत्रण:- यूपीएस कंप्यूटर में प्रवाहित हो रही बिजली को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करता है जिसमें लगे उपकरण सुरक्षित रहते हैं।
  2. बिना रुके संचालन :- यूपीएस बिना किसी रूकावट के लगातार काम करता रहता है यदि बिजली चली भी जाती है तो यूपीएस तुरंत एक्टिवेट हो जाता है।
  3. डेटा सुरक्षा:- बिजली कटनी की स्थिति में यूपीएस कंप्यूटर को बंद होने से रोकता है, जिसमें आपका डाटा सुरक्षित रहता है और किसी प्रकार की कोई deta की हानि नहीं होती।
  4. तत्काल स्विच:- बिजली चले जाने पर यूपीएस बिना किसी देरी के ऑटोमेटिक रूप से चालू हो जाती है जिसमें कंप्यूटर का संचालन नहीं रुकता है।
  5. प्रभावी लागत:- बहुत से यूपीएस मॉडल अलग-अलग आकार में आते हैं ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार यूपीएस को खरीद सकते हैं।

UPS के हानि (यूपीएस के नुकसान)

  1. महंगे मॉडल:- सभी यूपीएस सस्ते में होते हैं उदाहरण के लिए अगर आप ऑनलाइन यूपीएस को इस्तेमाल करते हैं तो यहां महंगा साबित हो सकता है।
  2. लिमिटेड बैकअप समय:- यूपीएस केवल सर लिमिट समय तक ही बिजली सप्लाई कर सकता है, या लंबे समय के लिए बैकअप के रूप में कारगर नहीं होते।
  3. मेंटेनेंस लागत:- यूपीएस को बनाये रखने में काफी खर्चा आता है, यदि इसका नियमित तरीके से रखरखाव नहीं किया जाए खराब हो जाता है।
  4. बैटरी की जल्दी खराबी:- यूपीएस बैटरी जल्दी खराब हो जाती है, जिससे इसके प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है।
  5. लंबे समय तक चार्जिंग:- यूपीएस की बैटरी को लंबे समय तक चार्ज करके रखना पड़ता है जिससे यहां सुनिश्चित हो जाए की जरूरत के समय पूरी तरह से तैयार हो।

यूपीएस और इन्वर्टर के बीच अंतर

बहुत से लोग यूपीएस और इन्वर्टर को एक जैसा मानते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग डिवाइस हैं। आप उनके बीच अंतर को नीचे दी गई तालिका में –

UPS Inverter 
यूपीएस एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बिजली जाने पर तात्कालिक रूप से बिजली प्रदान करता है। इन्वर्टर एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जो डीसी (DC) को एसी (AC) में बदलता है।
UPS के main parts हैं:- रेक्टिफायर, बैटरी, इन्वर्टर, और स्विच। इन्वर्टर के दो पार्ट होते हैं:- इन्वर्टर सर्किट और बैटरी।
यह एसी (AC) को डीसी (DC) में और डीसी (DC) को एसी (AC) में बदलता है। इन्वर्टर केवल डीसी (DC) को एसी (AC) में बदलता है।
यूपीएस के तीन प्रकार होते हैं: ऑफलाइन यूपीएस, ऑनलाइन यूपीएस, और लाइन-इंटरैक्टिव यूपीएस। इन्वर्टर के दो प्रकार होते हैं: स्टैंडबाई इन्वर्टर और ग्रिड-टाई इन्वर्टर।
यह 10 से 20 मिनट का बैकअप प्रदान करता है। यह 24 घंटे तक का बैकअप प्रदान कर सकता है, बैटरी की क्षमता पर निर्भर करता है।
इसका सर्किट बहुत जटिल होता है। इसका सर्किट सरल और सीधा होता है।

Phases In यूपीएस  

इसके दो प्रकार के phases होते है –

Single-Phase UPS 

सिंगल फेस यूपीएस में सिंगल इनपुट और आउटपुट होता है। सिंगल फेस यूपीएस में सर्किट को पूरा करने के लिए केवल कंडक्टर और न्यूट्रल वायर की जरूरत होती है। इस उपेश का उपयोग ज्यादातर उन डिवाइस में किया जाता है जिसमें तीन तीन प्लग लगे होते हैं।

Three-Phase UPS 

थ्री फेस यूपीएस में तीन कंडक्टर और एक न्यूट्रल वायर की जरूरत पड़ती है जिसमें 3 फेस आउटपुट को सपोर्ट करता है। थ्री फेस यूपीएस जैसे लिफ्ट, पंप और पंखो जैसे डिवाइस की सुरक्षा करने में उपयोग किया जाता है।

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What Is UPS In Hindi FAQ 

1. यूपीएस क्या है?

Ans – यूपीएस का फुल फॉर्म (Uninterruptible Power Supply) है यहां एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो बिजली के अचानक चले जाने पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में पावर सप्लाई करता है जिसका उद्देश्य है कि बिजली काटने पर भी डिवाइस को बिना किसी रूकावट के काम करने में महत्वपूर्ण रूप से डाटा को सुरक्षित और एक्टिव करने में हेल्प करता है और नियमित रूप से बिजली की सप्लाई करता है ।

2. UPS और inverter में क्या अंतर है?

Ans – यूपीएस का उपयोग तत्कालीन रूप से बैकअप के लिए किया जाता है और बिजली के रुकावट के दौरान बिना किसी देरी के डिवाइस को पावर सप्लाई करता है। जबकि इनवर्टर DC को AC में बदलता है और लंबे समय तक बैकअप प्रदान करता है।

3. यूपीएस कितनी देर तक बैकअप देता है?

Ans- यूपीएस  खास तौर पर 10 से 20 मिनट का बैकअप प्रदान करता है लेकिन बैकअप की समय यूपीएस की मॉडल और बैटरी की क्षमता पर निर्भर करती है।

4. क्या यूपीएस को मेंटेन करना जरूरी है?

Ans – जी हां, यूपीएस  को नियमित रूप से मेंढक करना बहुत जरूरी है, ताकि उसकी बैटरी और अन्य घटक सही ढंग से काम करते रहे और बिजली की आपूर्ति में किसी प्रकार की कोई रुकावट ना आए।

5. यूपीएस की बैटरी कब बदलनी चाहिए?

Ans – यूपीएस की बैटरी 3 से 5 साल के बीच बदलनी पड़ती है लेकिन यह समय यूपीएससी के इस्तेमाल बैटरी के प्रकार और रखरखाव की स्थिति पर निर्भर करती है।

6. क्या यूपीएस का उपयोग केवल कंप्यूटर के लिए होता है?

Ans – जी नहीं, यूपीएस का इस्तेमाल अलग-अलग डिवाइस के लिए भी किया जा सकता है जैसे सर्वर नेटवर्क डिवाइस, मेडिकल डिवाइस और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शामिल है।

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